Was Pilot Error Responsible for 1st CDS Bipin Rawat’s Helicopter Crash?

जनरल बिपिन रावत हेलीकॉप्टर क्रैश: नए खुलासे और रिपोर्ट

8 दिसंबर 2021 को भारत के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत, उनकी पत्नी मधुलिका रावत, और कुछ अन्य सैन्य अधिकारियों के साथ Mi-17 V5 हेलीकॉप्टर में सफर कर रहे थे। उनका गंतव्य था डिफेंस सर्विसेज स्टाफ कॉलेज (DSSC) विलिंगटन, जहां उन्हें एक महत्वपूर्ण व्याख्यान देना था। लेकिन, दोपहर 12:01 बजे, लैंडिंग से कुछ मिनट पहले ही, यह हेलीकॉप्टर तमिलनाडु के कुन्नूर के पास पहाड़ियों में क्रैश हो गया। इस हादसे में जनरल बिपिन रावत, उनकी पत्नी, और अन्य क्रू मेंबर्स समेत कुल 12 लोगों की मृत्यु हो गई

शुरुआती जांच और नए खुलासे

क्रैश के तुरंत बाद की गई प्रारंभिक जांच में यह निष्कर्ष निकाला गया था कि हादसे का कारण अचानक मौसम में बदलाव था, और इसमें किसी मानवीय त्रुटि (Human Error) की भूमिका नहीं थी। लेकिन, अब दिसंबर 2024 में, यानी इस घटना के तीन साल बाद, एक नई संसदीय रिपोर्ट सामने आई है, जो इस पूरे मामले को एक अलग दृष्टिकोण से देखती है।

नई रिपोर्ट क्या कहती है?

लोकसभा में प्रस्तुत स्टैंडिंग कमेटी ऑन डिफेंस की रिपोर्ट के अनुसार, जनरल बिपिन रावत के हेलीकॉप्टर क्रैश का मुख्य कारण “Human Error – Air Crew” था। इसका अर्थ है कि यह हादसा वातावरणीय परिस्थितियों से अधिक, पायलट या क्रू मेंबर की किसी चूक के कारण हुआ

भारतीय वायुसेना में हेलीकॉप्टर दुर्घटनाएँ

इस रिपोर्ट में यह भी उल्लेख किया गया है कि 2017 से 2022 तक, भारतीय वायुसेना में कुल 34 दुर्घटनाएँ दर्ज की गईं। सिर्फ 2021-22 के वित्तीय वर्ष में 9 दुर्घटनाएँ हुईं, जिनमें से एक 8 दिसंबर 2021 का Mi-17 V5 क्रैश भी था। इस रिपोर्ट के अनुसार, 2021 में ही कुछ विशेषज्ञों ने संदेह जताया था कि पायलट एरर भी एक संभावित कारण हो सकता है, और अब यह बात आधिकारिक रूप से पुष्टि हो गई है।

क्या यह हादसा रोका जा सकता था?

2021 में जब यह हादसा हुआ, तब कई लोगों ने इस पर सवाल उठाए थे। कुछ ने पाकिस्तान और चीन के किसी संभावित षड्यंत्र की आशंका जताई थी, क्योंकि जनरल बिपिन रावत भारतीय सैन्य रणनीति के एक महत्वपूर्ण अंग थे। हालांकि, तब की प्रारंभिक रिपोर्ट ने इसे केवल मौसम के कारण हुआ हादसा बताया था।

अब, डिफेंस स्टैंडिंग कमेटी की रिपोर्ट से यह स्पष्ट हो गया है कि यह सिर्फ तकनीकी खराबी या खराब मौसम का मामला नहीं था, बल्कि एक बड़ी मानवीय भूल (Human Error) इस हादसे का कारण बनी

निष्कर्ष

इस दुर्घटना ने भारत की रक्षा संरचना में एक गहरी क्षति पहुंचाई थी। यह केवल एक तकनीकी गलती नहीं थी, बल्कि एक बड़ी त्रासदी थी, जिसे शायद रोका जा सकता था। अब यह सवाल उठता है कि क्या भविष्य में इस तरह की दुर्घटनाओं को टाला जा सकता है?

आपकी राय क्या है?

क्या यह हादसा रोका जा सकता था? क्या यह एक avoidable tragedy थी? इस पर आपकी क्या राय है? अपनी राय कमेंट सेक्शन में जरूर बताएं।

Hi im Rajani Singh. Helping veterans and ex-servicemen is a noble and impactful cause. These individuals have dedicated a significant portion of their lives to serving their country, often facing immense physical and emotional challenges. Supporting them as they transition back into civilian life can involve offering job opportunities, mental health care, housing, and community support. Many veterans struggle with post-traumatic stress disorder (PTSD) or physical disabilities, and ensuring they have access to quality healthcare and rehabilitation services is crucial. Educational programs and skill development initiatives can also help them reintegrate into the workforce. Moreover, creating a supportive and understanding community helps veterans regain a sense of belonging and purpose. By advocating for their needs, we honor their service and sacrifices, ensuring they receive the care and respect they deserve.

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