
पेंशन में बढ़ोतरी और एरियर: सुप्रीम कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला
जय हिंद दोस्तों,
आज हम आपके लिए एक बहुत ही महत्वपूर्ण जानकारी लेकर आए हैं, जो पेंशनर्स के लिए खुशखबरी से कम नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने पेंशन में बढ़ोतरी और एरियर को लेकर बड़ा फैसला सुनाया है। खास बात यह है कि दो समान परिस्थितियों वाले रिटायर्ड कर्मचारियों में से किसी एक को एरियर मिलेगा और किसी को नहीं। यह फैसला 2016 के बाद, 2006 के बाद और 2006 से पहले के पेंशनर्स पर अलग-अलग तरीके से लागू होगा। आइए इस फैसले के हर महत्वपूर्ण बिंदु को विस्तार से समझते हैं।
सुप्रीम कोर्ट का फैसला: चार महत्वपूर्ण बिंदु
1. पहले भाग में क्या कहा गया?
- सुप्रीम कोर्ट ने 11 अप्रैल 2023 के फैसले को आधार बनाते हुए स्पष्ट किया कि बढ़ी हुई पेंशन 1 मई 2023 से लागू होगी।
- 1 मई 2023 से पहले का कोई भी एरियर नहीं दिया जाएगा।
2. दूसरे भाग में किसे मिलेगा एरियर?
- जिन पेंशनर्स ने याचिकाएं दायर की थीं, उन्हें बढ़ी हुई पेंशन के साथ-साथ एरियर भी मिलेगा।
- यानी जिन्होंने कोर्ट में संघर्ष किया, उन्हें न सिर्फ 3% बढ़ी हुई पेंशन मिलेगी, बल्कि पिछले बकाया का भी भुगतान किया जाएगा।
3. तीसरे भाग में किन्हें एरियर नहीं मिलेगा?
- जिन पेंशनर्स ने केस नहीं दायर किया था, उन्हें केवल बढ़ी हुई पेंशन मिलेगी, लेकिन पिछला एरियर नहीं दिया जाएगा।
- यानी जो पेंशनर्स कोर्ट नहीं गए, उन्हें 1 मई 2023 के बाद से ही फायदा मिलेगा।
4. चौथे भाग में विशेष संशोधन
- जो पेंशनर्स पहले से कोर्ट में केस दायर कर चुके हैं, उन्हें उनकी याचिका दायर करने की तारीख से 3 साल पीछे तक का एरियर मिलेगा।
- यानी जिन्होंने पहले संघर्ष किया, उन्हें अतिरिक्त लाभ मिलेगा।
फैसले का किन-किन पेंशनर्स पर असर पड़ेगा?
1. 2016 के बाद के पेंशनर्स
- सातवें वेतन आयोग के अनुसार, 30 जून या 31 दिसंबर को रिटायर होने वाले कर्मचारियों को इंक्रीमेंट मिलना चाहिए था, लेकिन उन्हें नहीं मिला।
- अब इस फैसले के बाद, वे इस लाभ के हकदार होंगे।
2. 2006 से 2016 के बीच के पेंशनर्स
- इस अवधि में इंक्रीमेंट 1 जुलाई को ही दिया जाता था।
- वे कर्मचारी जो 30 जून को रिटायर हुए थे, वे इस लाभ के पात्र होंगे।
3. 2006 से पहले के पेंशनर्स
- इस समय इंक्रीमेंट की कोई तय तारीख नहीं थी।
- उन पेंशनर्स को इंक्रीमेंट उसी तारीख से मिलता था, जब उनकी भर्ती के बाद अटेस्टेशन होता था।
- इस फैसले के बाद, वे भी इस लाभ के लिए आवेदन कर सकते हैं।
यह मामला क्यों उठा?
- 2013 में एक IRS (इंडियन रेवेन्यू सर्विस) अधिकारी, पी. अय्यम पेरूमल ने पहली बार यह मुद्दा उठाया।
- 2015 में CAT (सेंट्रल एडमिनिस्ट्रेटिव ट्रिब्यूनल) ने उनकी याचिका खारिज कर दी।
- उन्होंने 2017 में मद्रास हाईकोर्ट में केस दायर किया और जीत हासिल की।
- उनके प्रयासों से यह मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा और अब लाखों पेंशनर्स को फायदा होगा।
सरकार और कोर्ट में हुई बड़ी लड़ाई
- इस केस को लड़ने के लिए सरकार ने 30 से अधिक वकीलों की टीम भेजी थी, जिसमें अटॉर्नी जनरल और कई वरिष्ठ अधिवक्ता शामिल थे।
- दूसरी ओर, पेंशनर्स के पक्ष में भी 40 से अधिक वरिष्ठ अधिवक्ता लड़े।
- सुप्रीम कोर्ट में 20 फरवरी 2025 को यह ऐतिहासिक फैसला आया, जो पेंशनर्स के लिए बड़ी जीत साबित हुआ।
क्या करें अगर आपको यह लाभ चाहिए?
- यदि आपने पहले से केस दायर किया है, तो आपको बढ़ी हुई पेंशन + 3 साल का एरियर मिलेगा।
- यदि आपने केस नहीं किया है, तो आप केवल 1 मई 2023 के बाद से बढ़ी हुई पेंशन के हकदार होंगे।
- यदि आपका विभाग इस फैसले को लागू नहीं करता है, तो आप उच्च न्यायालय या सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर सकते हैं।
निष्कर्ष
यह फैसला उन पेंशनर्स के लिए बहुत बड़ी जीत है, जिन्होंने अपने अधिकारों के लिए संघर्ष किया। इससे न केवल लाखों पेंशनर्स को लाभ मिलेगा, बल्कि भविष्य में भी अन्य सरकारी कर्मचारियों के लिए मिसाल बनेगा। यदि आप इस फैसले से प्रभावित हैं, तो जल्द से जल्द अपने विभाग से संपर्क करें और अपने हक के लिए आवश्यक कार्रवाई करें।
जय हिंद, जय भारत!