OROP PM की जबरदस्त घोषणा !!

वन रैंक, वन पेंशन (OROP) का 10 सालों का सफर: मुख्य बातें और बिंदु

जय हिंद दोस्तों!
आप सभी का स्वागत ह आज हम चर्चा करेंगे वन रैंक, वन पेंशन (OROP) के 10 सालों के सफर के बारे में, जो माननीय प्रधानमंत्री जी ने 15 सितंबर 2013 को घोषित किया था। इस महत्वपूर्ण यात्रा में कई उतार-चढ़ाव आए हैं। हाल ही में रक्षा मंत्रालय के केंद्रीय सैनिक बोर्ड से एक नया लेटर जारी किया गया है, जिसमें OROP के 10 साल पूरे होने के अवसर को एक उत्सव के रूप में मनाने की योजना है।


1. माननीय प्रधानमंत्री की 2013 की घोषणा

  • रैली का स्मरण: 2013 में, रेवाड़ी की रैली में प्रधानमंत्री जी ने OROP की घोषणा की थी। उन्होंने कहा कि OROP सबसे पहले सिपाहियों और हवलदारों को मिलेगा।
  • प्रधानमंत्री का सम्मान: उन्होंने हमारे सैनिकों को सम्मानित करते हुए कहा था कि सेना में अपनी जान कुर्बान करने वालों को इससे वंचित नहीं किया जाएगा।

2. रक्षा मंत्रालय का हालिया पत्र

  • पत्र का समय: 23 अक्टूबर 2024 को केंद्रीय सैनिक बोर्ड की ओर से यह पत्र जारी किया गया।
  • मुख्य विषय: OROP के 10 साल पूरे होने का उत्सव और “डायरेक्टर्स कॉन्क्लेव 2024” आयोजित किया जाएगा। इसमें सभी राज्य सैनिक बोर्ड के डायरेक्टर्स और उनके प्रतिनिधि भाग लेंगे।
  • समारोह की तारीखें: यह कार्यक्रम 7 और 8 नवंबर 2024 को मानिक सा सेंटर, दिल्ली कैंट में होगा।

3. कार्यक्रम के मुख्य बिंदु

3.1 कागजी पहचान पत्र का पीवीसी कार्ड से प्रतिस्थापन

  • नई पहचान: पेपर के पहचान पत्रों की जगह पीवीसी कार्ड का प्रस्ताव है, जो कि अधिक सुरक्षित और टिकाऊ होंगे।

3.2 राज्य स्तर पर एक्स सर्विसमैन का निगम बनाना

  • संगठन की जरूरत: राज्य स्तर पर पूर्व सैनिकों के लिए एक निगम का गठन करने का प्रस्ताव है, जो उनके मुद्दों को बेहतर तरीके से हल कर सके।

3.3 इंटीग्रेटेड सैनिक विश्राम गृह का निर्माण

  • विश्राम गृह: सैनिक विश्राम गृहों के निर्माण को बढ़ावा देने पर चर्चा होगी, ताकि सैनिकों के रहने की व्यवस्था बेहतर हो सके।

3.4 केंद्रीय व राज्य सरकार द्वारा भुगतान में देरी

  • पेंशन और क्लेम्स: पूर्व सैनिकों के क्लेम्स और पेंशन भुगतान में होने वाली देरी पर चर्चा होगी, ताकि यह समस्या जल्द सुलझाई जा सके।

3.5 डीजीआर और ईसीएचएस से जुड़े मुद्दे

  • रिसेटलमेंट और स्वास्थ्य सेवाएं: रिसेटलमेंट और स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़े मुद्दों पर भी चर्चा की जाएगी, ताकि सैनिकों के पुनर्स्थापन और स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार हो सके।

4. कार्यक्रम में भागीदारी

  • प्रतिनिधित्व: सभी राज्यों के सैनिक बोर्ड के डायरेक्टर्स और उनके साथ दो प्रतिनिधि इस समारोह में भाग लेंगे। यह चयन सेक्रेटरी ऑफ एक्स सर्विसमैन वेलफेयर डिपार्टमेंट द्वारा किया जाएगा।
  • विशेष सुरक्षा: इस कार्यक्रम में केवल सेक्रेटरी द्वारा चयनित प्रतिनिधियों को ही सम्मिलित होने की अनुमति होगी।

5. OROP के उत्सव पर विवाद और सुझाव

5.1 OROP की विसंगतियां

  • OROP के फायदे और चुनौतियां: कुछ रैंक्स और ग्रुप्स में OROP के लाभ अभी तक नहीं पहुँचे हैं, जिससे सैनिकों में असंतोष है।
  • विसंगतियों पर विचार: उत्सव के दौरान OROP की विसंगतियों पर चर्चा होनी चाहिए थी ताकि इससे जुड़ी समस्याओं का समाधान निकाला जा सके।

5.2 वन मैन ज्यूडिशियस रिपोर्ट पर विचार

  • रिपोर्ट का कार्यान्वयन: वन मैन ज्यूडिशियस कमेटी की रिपोर्ट को सार्वजनिक करके लागू करना चाहिए, ताकि सभी सैनिक इसका लाभ उठा सकें।

5.3 विभिन्न रैंक्स के साथ OROP विसंगतियां

  • सूबेदार और कैप्टन स्तर की विसंगतियां: सूबेदार, ऑनरी लेफ्टिनेंट, ऑनरी कैप्टन, सूबेदार मेजर जैसे रैंक्स में पेंशन में वृद्धि नहीं हुई है।
  • लेफ्टिनेंट से लेकर कर्नल स्तर तक: इस स्तर पर भी कई विसंगतियां हैं, जिन्हें दूर करना आवश्यक है।

6. भविष्य में सुधार की संभावनाएं

  • संगठन का योगदान: OROP के तहत जितनी भी समस्याएं हैं, उनका समाधान विभिन्न रजिस्टर्ड संगठनों की भागीदारी से हो सकता है।
  • प्रमुख सुझाव: पूर्व सैनिकों के संगठनों को भी प्रतिनिधित्व का अवसर मिलना चाहिए, ताकि उनकी समस्याओं पर चर्चा की जा सके।

निष्कर्ष

OROP के 10 साल पूरे होने पर यह आयोजन निश्चित रूप से एक ऐतिहासिक क्षण है। लेकिन इसके साथ ही OROP में वर्तमान में जो विसंगतियां हैं, उनका समाधान भी जरूरी है। यह कार्यक्रम सैनिकों की पेंशन, स्वास्थ्य और कल्याण की दिशा में एक कदम है, लेकिन इन मुद्दों का समाधान करके ही OROP का असली मकसद पूरा किया जा सकता है।


दोस्तों, आप इस पर क्या सोचते हैं? अपने विचार हमें कमेंट में जरूर बताएं। अगली जानकारी के साथ फिर मिलेंगे। जय हिंद, जय भारत!

Hi im Rajani Singh. Helping veterans and ex-servicemen is a noble and impactful cause. These individuals have dedicated a significant portion of their lives to serving their country, often facing immense physical and emotional challenges. Supporting them as they transition back into civilian life can involve offering job opportunities, mental health care, housing, and community support. Many veterans struggle with post-traumatic stress disorder (PTSD) or physical disabilities, and ensuring they have access to quality healthcare and rehabilitation services is crucial. Educational programs and skill development initiatives can also help them reintegrate into the workforce. Moreover, creating a supportive and understanding community helps veterans regain a sense of belonging and purpose. By advocating for their needs, we honor their service and sacrifices, ensuring they receive the care and respect they deserve.

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