Kashmir’s Controversial SOG Commandos

क्या आपने कभी सोचा है कि भारत में कुछ ऐसे भी हीरोज हैं जो बिना किसी डर के हर पल खतरों से खेलते हैं? एक ऐसी फोर्स जो जम्मू-कश्मीर की सबसे मुश्किल परिस्थितियों में भी सबसे आगे खड़ी होती है। जी हां, मैं बात कर रहा हूं स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (SOG) की। यह एक ऐसी इलीट पुलिस टैक्टिकल यूनिट है जो एंटी-इंसर्जेंसी, टेररिज्म और हाई-रिस्क सिचुएशन को हैंडल करने के लिए मशहूर है।

एसओजी: गठन और उद्देश्य

स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (SOG) को 1994 में स्थापित किया गया था। इसका मुख्य उद्देश्य जम्मू-कश्मीर पुलिस को एंटी-टेररिस्ट ऑपरेशंस में डायरेक्ट रूप से शामिल करना था, जिससे इन ऑपरेशंस को एक लोकल फेस मिल सके। फिलहाल, SOG में 2300 से अधिक प्रशिक्षित कर्मी हैं, जो किसी भी खतरे से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार रहते हैं।

एसओजी में भर्ती और कार्यक्षेत्र

जम्मू-कश्मीर पुलिस के 1 लाख से अधिक कर्मियों में से केवल चुनिंदा अधिकारी ही SOG में शामिल किए जाते हैं। इनका मुख्य कार्य है:

  • एंटी-इंसर्जेंसी ऑपरेशंस
  • आर्म्ड क्रिमिनल्स को पकड़ना
  • काउंटर-टेररिज्म
  • होस्टेज रेस्क्यू
  • काउंटर-इंसर्जेंसी और सीक्रेट ऑपरेशंस को अंजाम देना

SOG की टीमें जम्मू-कश्मीर के प्रत्येक जिले में कार्यरत हैं और ये एसपी या डीएसपी ऑपरेशंस के अंतर्गत काम करती हैं।

ऑपरेशन की रणनीति

SOG के जवान आमतौर पर खाकी वर्दी की जगह कैमफ्लाज यूनिफॉर्म पहनते हैं और अपने चेहरे को ढककर रखते हैं। किसी भी आतंकी हमले की स्थिति में यह फोर्स सबसे पहले पहुंचती है। अगर स्थिति नियंत्रण से बाहर हो जाए, जैसे कि स्टोन पेल्टिंग, तो SOG को बुलाया जाता है। इसके अलावा, यह अन्य सुरक्षा एजेंसियों के साथ मिलकर संयुक्त ऑपरेशंस भी अंजाम देती है।

प्रमुख ऑपरेशंस

SOG ने कई महत्वपूर्ण ऑपरेशंस को सफलतापूर्वक अंजाम दिया है, जिनमें शामिल हैं:

  • 13 मार्च 2000: हिज्बुल मुजाहिदीन कमांडर हमित कागाज का खात्मा।
  • 6 मई 2020: हिज्बुल चीफ रियाज नायकू का एनकाउंटर।

SOG को नेशनल सिक्योरिटी गार्ड (NSG) से एडवांस ट्रेनिंग भी दी जाती है, जिससे इनकी कॉम्बैट कैपेबिलिटीज और अधिक प्रभावी हो जाती हैं।

विवाद और चुनौतियाँ

अपने उत्कृष्ट कार्यों के बावजूद, SOG पर कई बार मानवाधिकार उल्लंघन के आरोप भी लगे हैं। कुछ रिपोर्ट्स के अनुसार, SOG पर फर्जी एनकाउंटर और गलत गिरफ्तारियों के आरोप लगे हैं। 2003 में, पीडीपी सरकार ने इसे बंद करने का फैसला लिया था, लेकिन सुरक्षा चुनौतियों को देखते हुए इसे पुनः सक्रिय कर दिया गया।

SOG ने जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद को नियंत्रित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। यह फोर्स अपनी जान जोखिम में डालकर देश की सुरक्षा में अहम योगदान देती है। आपकी क्या राय है? क्या SOG जैसी स्पेशल यूनिट के बिना जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद को नियंत्रित करना संभव होता? अपने विचार हमें कमेंट सेक्शन में जरूर बताएं।

जय हिंद!

Hi im Rajani Singh. Helping veterans and ex-servicemen is a noble and impactful cause. These individuals have dedicated a significant portion of their lives to serving their country, often facing immense physical and emotional challenges. Supporting them as they transition back into civilian life can involve offering job opportunities, mental health care, housing, and community support. Many veterans struggle with post-traumatic stress disorder (PTSD) or physical disabilities, and ensuring they have access to quality healthcare and rehabilitation services is crucial. Educational programs and skill development initiatives can also help them reintegrate into the workforce. Moreover, creating a supportive and understanding community helps veterans regain a sense of belonging and purpose. By advocating for their needs, we honor their service and sacrifices, ensuring they receive the care and respect they deserve.

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