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आर्मी रिटायरमेंट और पेंशन की पूरी जानकारी

सेना में सेवा करते समय हर सैनिक के मन में एक बड़ा सवाल होता है: रिटायरमेंट के बाद मुझे कितनी पेंशन मिलेगी? क्या प्रीमेच्योर रिटायरमेंट लेने से पेंशन पर कोई नकारात्मक प्रभाव पड़ता है? कलर सर्विस रिटायरमेंट और प्रीमेच्योर रिटायरमेंट में क्या अंतर है? आइए इन सवालों का जवाब विस्तार से जानते हैं और पेंशन कैलकुलेशन के फॉर्मूला को भी समझते हैं ताकि आप अपनी पेंशन की गणना खुद कर सकें।

1. पेंशन कब लागू होती है?

आर्मी में सर्विस पेंशन तभी मिलती है जब किसी सैनिक की सेवा 15 साल पूरी हो चुकी हो। यदि किसी सैनिक की सेवा 15 साल से कम है और वह प्रीमेच्योर रिटायरमेंट लेता है, तो उसे पेंशन का लाभ नहीं मिलता है।

यहां यह ध्यान रखना जरूरी है कि आर्मी एक्ट में प्रीमेच्योर रिटायरमेंट के लिए एप्लीकेशन देने का कोई विशेष नियम नहीं है, लेकिन सेवा पेंशन लागू होने के लिए 15 साल की सेवा पूरी होनी चाहिए।

2. पुरानी और नई पेंशन में अंतर क्यों होता है?

आपने देखा होगा कि पुराने रिटायर्ड सैनिकों की पेंशन और अभी रिटायर हुए सैनिकों की पेंशन में बड़ा अंतर होता है। इसका मुख्य कारण है सैलरी इंक्रीमेंट। जब सैनिक सेवा में होते हैं तो उनकी सैलरी में हर साल बढ़ोतरी होती है, लेकिन रिटायर होने के बाद पेंशन में केवल महंगाई भत्ता (Dearness Allowance – DA) ही बढ़ता है।

इस अंतर को कम करने के लिए सरकार ने वन रैंक, वन पेंशन (OROP) स्कीम लागू की है, ताकि समान रैंक और सेवा अवधि वाले सभी सैनिकों को समान पेंशन मिल सके।

3. पेंशन कैलकुलेशन का फॉर्मूला क्या है?

पेंशन की गणना का एक विशेष फॉर्मूला होता है जिसे हम यहां विस्तार से समझेंगे। फॉर्मूला इस प्रकार है:बेसिक पेमेंट + मिलिट्री सर्विस पे (MSP) + क्लास पे + ग्रुप एक्स पे (अगर लागू है) = कुल राशि कुल राशि / 2 = बेसिक पेंशन बेसिक पेंशन + डीए (Dearness Allowance) = कुल पेंशन

उदाहरण:

मान लीजिए किसी सैनिक की बेसिक पेमेंट ₹36,000 है, MSP ₹5,200 है, और क्लास पे ₹400 है।

  • कुल राशि = ₹36,000 + ₹5,200 + ₹400 = ₹41,600
  • बेसिक पेंशन = ₹41,600 / 2 = ₹20,800
  • वर्तमान डीए (17%) = ₹20,800 × 0.17 = ₹3,536
  • कुल पेंशन = ₹20,800 + ₹3,536 = ₹24,336

इस तरह, सैनिक की कुल मासिक पेंशन ₹24,336 होगी।

4. कमीउटेशन (Commutation) का क्या मतलब है?

कमीउटेशन का मतलब है कि सैनिक अपनी पेंशन का एक हिस्सा एडवांस में एकमुश्त ले सकता है। इसके बदले, उसकी मासिक पेंशन कुछ सालों के लिए कम हो जाती है।

कमीउटेशन के फायदे:

  • एक बड़ी रकम तुरंत मिल जाती है जिसे किसी बड़े खर्च के लिए उपयोग किया जा सकता है।
  • भविष्य की जरूरतों को पूरा करने के लिए वित्तीय सुरक्षा मिलती है।

कमीउटेशन के नुकसान:

  • मासिक पेंशन में कमी होती है, जिससे मासिक आय पर प्रभाव पड़ता है।
  • यह कमी 15 साल तक रहती है, उसके बाद पेंशन फिर से पूरी मिलती है।

5. रैंक का पेंशन पर प्रभाव

कई लोगों का मानना है कि पेंशन सीधे रैंक से जुड़ी होती है, लेकिन ऐसा नहीं है। आपकी पेंशन मुख्य रूप से अंतिम सैलरी पर आधारित होती है। चाहे आप नायक हों, हवलदार हों या सूबेदार, आपकी पेंशन की गणना आपकी अंतिम सैलरी पर निर्भर करती है।

उदाहरण:

  • 17 साल की सेवा वाले हवलदार की पेंशन और 20 साल की सेवा वाले नायक की पेंशन समान हो सकती है, अगर उनकी अंतिम सैलरी समान है।
  • इसलिए, रैंक से ज्यादा महत्वपूर्ण है कि आपकी अंतिम बेसिक पेमेंट कितनी थी।

6. पेंशन कैलकुलेशन कैसे करें?

पेंशन कैलकुलेशन के लिए आपको अपनी पे स्लिप की जरूरत होगी।

कदम:

  1. अपनी पे स्लिप में बेसिक पे, MSP, और क्लास पे देखें।
  2. इन सभी को जोड़ें।
  3. इस कुल राशि को 2 से विभाजित करें, यह आपकी बेसिक पेंशन होगी।
  4. बेसिक पेंशन पर डीए जोड़ें।

उदाहरण:

यदि आपकी बेसिक पे ₹36,000, MSP ₹5,200 और क्लास पे ₹400 है:

  • कुल राशि = ₹36,000 + ₹5,200 + ₹400 = ₹41,600
  • बेसिक पेंशन = ₹41,600 / 2 = ₹20,800
  • डीए (17%) = ₹3,536
  • कुल पेंशन = ₹24,336

7. पेंशन में बढ़ोतरी और महंगाई भत्ता

महंगाई भत्ता (Dearness Allowance – DA) समय-समय पर बढ़ता है। सरकार इसे हर 6 महीने में संशोधित करती है ताकि महंगाई की दर के अनुसार सैनिकों को राहत मिल सके। वर्तमान में, DA 17% चल रहा है, लेकिन यह समय के साथ बदल सकता है।

8. वन रैंक, वन पेंशन (OROP)

OROP का उद्देश्य है कि समान रैंक और समान सेवा अवधि वाले सैनिकों को समान पेंशन मिले, चाहे वे कब रिटायर हुए हों। OROP लागू होने से नए और पुराने रिटायर्ड सैनिकों की पेंशन में अंतर कम हो गया है।

9. पेंशन से संबंधित सामान्य सवाल और उनके जवाब

सवाल 1: मेरी सेवा 15 साल से कम है, क्या मुझे पेंशन मिलेगी?

  • नहीं, अगर आपकी सेवा 15 साल से कम है तो आपको पेंशन का लाभ नहीं मिलेगा।

सवाल 2: मैंने कमीउटेशन लिया है, मेरी पेंशन कब पूरी होगी?

  • कमीउटेशन के बाद, आपकी पेंशन 15 साल तक कम होगी। इसके बाद, आपकी पेंशन पूरी मिलेगी।

सवाल 3: क्या रैंक बदलने से पेंशन बढ़ती है?

  • नहीं, पेंशन आपकी अंतिम बेसिक पे पर आधारित होती है, न कि रैंक पर।

10. आखिरी बात: पेंशन कैलकुलेशन के लिए ध्यान रखें

आप अपनी पेंशन को आसानी से कैलकुलेट कर सकते हैं। इसके लिए:

  • अपनी पे स्लिप देखें।
  • बेसिक पे, MSP, और अन्य भत्तों को जोड़ें।
  • कुल राशि का आधा करें और उस पर डीए जोड़ें।
  • यह आपकी कुल पेंशन होगी।

आशा है कि यह आर्टिकल आपकी पेंशन से जुड़े सभी सवालों का जवाब देने में मदद करेगा। अगर आपके कोई और सवाल हैं तो आप उन्हें कमेंट में पूछ सकते हैं।

निष्कर्ष

पेंशन योजना एक सैनिक की सेवा के बाद की वित्तीय सुरक्षा सुनिश्चित करती है। प्रीमेच्योर रिटायरमेंट और कमीउटेशन जैसे फैसले सोच-समझकर लेने चाहिए। हर सैनिक को अपनी पेंशन की गणना का तरीका पता होना चाहिए ताकि वह अपने भविष्य की योजना सही ढंग से बना सके।

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Hi im Rajani Singh. Helping veterans and ex-servicemen is a noble and impactful cause. These individuals have dedicated a significant portion of their lives to serving their country, often facing immense physical and emotional challenges. Supporting them as they transition back into civilian life can involve offering job opportunities, mental health care, housing, and community support. Many veterans struggle with post-traumatic stress disorder (PTSD) or physical disabilities, and ensuring they have access to quality healthcare and rehabilitation services is crucial. Educational programs and skill development initiatives can also help them reintegrate into the workforce. Moreover, creating a supportive and understanding community helps veterans regain a sense of belonging and purpose. By advocating for their needs, we honor their service and sacrifices, ensuring they receive the care and respect they deserve.

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