पूर्व सैनिकों के लिए दिवाली का तोहफा ईसीएचएस रिफरल प्रक्रिया में नए सुधार और स्वास्थ्य सुविधाओं का विस्तार

पूर्व सैनिकों के लिए खुशखबरी: दिवाली से पहले ईसीएचएस में बड़ा बदलाव

जय हिंद दोस्तों! आपका स्वागत है आपके अपने article में। आज की इस पोस्ट में हम बात करेंगे एक ऐसे महत्वपूर्ण सरकारी आदेश के बारे में जिसने लगभग 32 लाख पूर्व सैनिकों और उनके आश्रितों को राहत दी है। यह आदेश ईसीएचएस (Ex-Servicemen Contributory Health Scheme) से जुड़ा हुआ है, जिससे पूर्व सैनिकों के स्वास्थ्य देखभाल में बड़ा बदलाव आया है। इस आदेश को दिवाली का गिफ्ट भी कहा जा सकता है क्योंकि इससे पूर्व सैनिकों और उनके परिवारों को अब बड़ी राहत मिलेगी। आइए, इस नए बदलाव के बारे में विस्तार से जानते हैं।

1. पहले क्या था आदेश:

4 अक्टूबर 2024 को एक सरकारी आदेश जारी किया गया था, जिसमें कुछ अहम सुधार किए गए थे। इसमें मुख्य रूप से निम्नलिखित प्रावधान थे:

  • रिफरल की अवधि: पहले एक महीने के लिए रिफरल मिलता था, जिसे बढ़ाकर अब 9 महीने कर दिया गया है।
  • उम्र सीमा में बदलाव: 75 साल की उम्र के बाद मिलने वाली सुविधाएं अब 70 साल की उम्र के बाद भी मिलेंगी।
  • डॉक्टर्स की संख्या में वृद्धि: पहले एक डॉक्टर को दिखाने का प्रावधान था, अब तीन डॉक्टरों को दिखाया जा सकता है।
  • विजिट्स की संख्या में बढ़ोतरी: जहां पहले केवल तीन विजिट्स की अनुमति थी, अब उसे बढ़ाकर छह कर दिया गया है।
  • इन्वेस्टिगेशन की प्रक्रियाएं: 3000 रुपये से अधिक के टेस्ट्स के लिए रिफरल की आवश्यकता होती थी, लेकिन सीनियर सिटीजन को इसमें छूट दी गई थी।

2. 18 अक्टूबर 2024 का अमेंडमेंट:

इसके दो हफ्ते बाद यानी 18 अक्टूबर को इस आदेश में कुछ और बदलाव किए गए हैं, जो विशेष रूप से सभी ईसीएचएस लाभार्थियों के लिए महत्वपूर्ण हैं।

  • रिफरल के लिए बार-बार आने की आवश्यकता समाप्त: पहले 3000 रुपये से अधिक के किसी भी इन्वेस्टिगेशन के लिए पॉलीक्लीनिक में दोबारा जाना पड़ता था। अब यह आवश्यकता समाप्त कर दी गई है।
    • कौन से टेस्ट्स शामिल हैं: अब सीटी स्कैन, एमआरआई, PET स्कैन, और अन्य महंगे टेस्ट्स के लिए बार-बार पॉलीक्लीनिक नहीं जाना पड़ेगा।
    • प्रिस्क्रिप्शन का महत्व: इन टेस्ट्स को करवाने के लिए अस्पताल के स्पेशलिस्ट द्वारा आवश्यक रूप से प्रिस्क्राइब किया जाना चाहिए।
  • तीन महीने तक वैध रिफरल: रिफरल अब तीन महीने तक वैध रहेगा, जिससे बार-बार रिफरल लेने की आवश्यकता नहीं होगी।

3. नए बदलाव के मुख्य लाभ:

  • धक्के खाने की समस्या खत्म: इस बदलाव के बाद, अब ईसीएचएस लाभार्थियों को बार-बार पॉलीक्लीनिक के चक्कर लगाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। खासकर बुजुर्ग और बीमार पूर्व सैनिकों को अब राहत मिलेगी।
  • अटेंडर की कमी वाले लाभार्थियों के लिए सुविधा: जिन पूर्व सैनिकों के पास अटेंडर नहीं हैं, उनके लिए यह बदलाव बहुत महत्वपूर्ण है। उन्हें अब बार-बार अस्पताल और पॉलीक्लीनिक के बीच आने-जाने की आवश्यकता नहीं होगी।
  • समय और ऊर्जा की बचत: यह बदलाव न केवल समय की बचत करेगा, बल्कि बुजुर्ग लाभार्थियों की ऊर्जा भी बचेगी जो बार-बार आने-जाने में खर्च होती थी।

4. पुराना आदेश और नया अमेंडमेंट:

पुराना आदेश (4 अक्टूबर 2024):
  • रिफरल अवधि: 1 महीने से 9 महीने
  • सीनियर सिटीजन की उम्र: 75 से घटाकर 70 वर्ष
  • एक डॉक्टर की जगह अब तीन डॉक्टरों से परामर्श
  • 3 विजिट्स से बढ़ाकर 6 विजिट्स की अनुमति
  • 3000 रुपये से अधिक की इन्वेस्टिगेशन के लिए दोबारा रिफरल लेना पड़ता था
नया अमेंडमेंट (18 अक्टूबर 2024):
  • रिफरल प्रक्रिया सरल: अब 3000 रुपये से अधिक की इन्वेस्टिगेशन के लिए पॉलीक्लीनिक जाने की आवश्यकता नहीं
  • रिफरल अवधि: तीन महीने तक वैध
  • सभी प्रमुख इन्वेस्टिगेशन एक ही रेफरल के तहत हो सकेंगे
  • सीनियर सिटीजन के साथ अन्य लाभार्थियों के लिए भी यह प्रावधान लागू

5. नए अमेंडमेंट से पूर्व सैनिकों को क्या फायदे होंगे?

  1. सुविधाजनक स्वास्थ्य सेवाएं: इस अमेंडमेंट के बाद, ईसीएचएस के लाभार्थी विशेष रूप से बुजुर्ग पूर्व सैनिकों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मिलेंगी।
  2. समय की बचत: पहले की तुलना में अब लाभार्थियों को बार-बार रिफरल लेने और पॉलीक्लीनिक के चक्कर लगाने से मुक्ति मिलेगी।
  3. स्मूद प्रोसेसिंग: अस्पतालों में टेस्ट्स और अन्य प्रक्रियाएं अब सरल और तेज़ी से होंगी क्योंकि रिफरल तीन महीने के लिए वैध होगा।
  4. बुजुर्ग लाभार्थियों के लिए बड़ी राहत: जो पूर्व सैनिक और उनके परिवार के सदस्य अधिक उम्र के हैं, उनके लिए यह बहुत बड़ा राहत है क्योंकि अब उन्हें बार-बार दौड़ने की जरूरत नहीं है।
  5. डॉक्टर्स से कंसल्टेशन में आसानी: अब तीन डॉक्टरों से परामर्श लिया जा सकता है, जिससे इलाज की बेहतर योजना बनाई जा सकेगी।

6. महत्वपूर्ण बातें जो ध्यान में रखनी चाहिए:

  • इन्वेस्टिगेशन का सही प्रिस्क्रिप्शन: जो टेस्ट्स करवाए जाएंगे, वे प्रिस्क्राइब किए जाने चाहिए और यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि वे टेस्ट्स जरूरी हैं।
  • रेफरल की वैधता: रिफरल तीन महीने तक वैध रहेगा, इस दौरान सभी इन्वेस्टिगेशन पूरे करवा लिए जाने चाहिए।
  • सीनियर सिटीजन के लिए विशेष सुविधाएं: 70 साल से ऊपर के लाभार्थियों को विशेष सुविधाएं मिलेंगी।

7. निष्कर्ष:

यह बदलाव निश्चित रूप से पूर्व सैनिकों और उनके परिवारों के लिए एक बहुत बड़ा कदम है। इससे उनकी स्वास्थ्य देखभाल में न केवल सुधार होगा, बल्कि समय और ऊर्जा की भी बचत होगी। यह बदलाव सरकार द्वारा पूर्व सैनिकों के प्रति एक महत्वपूर्ण कदम है और इसे दिवाली के मौके पर उनके लिए एक गिफ्ट के रूप में देखा जा सकता है।

आप सभी से अनुरोध है कि इस जानकारी को अपने साथियों और परिवारजनों के साथ साझा करें, ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग इसका लाभ उठा सकें।

जय हिंद, जय भारत!


Hi im Rajani Singh. Helping veterans and ex-servicemen is a noble and impactful cause. These individuals have dedicated a significant portion of their lives to serving their country, often facing immense physical and emotional challenges. Supporting them as they transition back into civilian life can involve offering job opportunities, mental health care, housing, and community support. Many veterans struggle with post-traumatic stress disorder (PTSD) or physical disabilities, and ensuring they have access to quality healthcare and rehabilitation services is crucial. Educational programs and skill development initiatives can also help them reintegrate into the workforce. Moreover, creating a supportive and understanding community helps veterans regain a sense of belonging and purpose. By advocating for their needs, we honor their service and sacrifices, ensuring they receive the care and respect they deserve.

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