
15 लाख तक NO INCOME TAX! Union Budget 2025-26..
प्रस्तावना
भारत सरकार द्वारा 2025-26 के बजट से पहले एक बड़ी खुशखबरी सामने आई है। 12 से 15 लाख तक की आय वाले कर्मचारियों को इनकम टैक्स में राहत दी जा सकती है। इस संदर्भ में नीति आयोग की हालिया बैठक और प्रमुख समाचार पत्रों में प्रकाशित रिपोर्ट्स ने इस बात को बल दिया है। आइए, इस विषय को विस्तार से बिंदुवार समझते हैं।
1. नीति आयोग की बैठक का उद्देश्य
- हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में नीति आयोग की एक बैठक आयोजित की गई।
- बैठक का उद्देश्य देश की आर्थिक प्रगति को बनाए रखना था।
- वैश्विक अनिश्चितताओं के दौर में भारतीय अर्थव्यवस्था को स्थिर और सशक्त बनाने पर चर्चा की गई।
- बैठक में कई प्रमुख अर्थशास्त्रियों और नीति आयोग के अधिकारियों ने भाग लिया।
2. टैक्स राहत का प्रस्ताव
- बैठक में चर्चा हुई कि 12-15 लाख आय वाले कर्मचारियों को टैक्स राहत प्रदान की जाए।
- इस कदम से बाजार में उपभोग (कंजमप्शन) बढ़ेगा और आर्थिक गतिविधियों को प्रोत्साहन मिलेगा।
- विशेषज्ञों ने सुझाव दिया कि टैक्स राहत से सरकार के राजस्व पर मामूली प्रभाव पड़ेगा, लेकिन इससे अर्थव्यवस्था को गति मिलेगी।
3. न्यू टैक्स रेजीम और ओल्ड टैक्स रेजीम
न्यू टैक्स रेजीम
- 2020 में लागू की गई न्यू टैक्स रेजीम में 7 लाख तक की आय पर कोई टैक्स नहीं है।
- 7 लाख से अधिक आय वालों के लिए अलग-अलग टैक्स स्लैब हैं:
- 7-9 लाख: 10%
- 9-12 लाख: 15%
- 12-15 लाख: 20%
- यह व्यवस्था उन लोगों के लिए फायदेमंद है जो डिडक्शन क्लेम नहीं करते।
ओल्ड टैक्स रेजीम
- इसमें 5 लाख तक की आय पर टैक्स छूट है।
- 5-10 लाख: 20%
- 10 लाख से ऊपर: 30%
- इसमें कई डिडक्शन जैसे HRA, जीवन बीमा, आदि की सुविधा उपलब्ध है।
4. टैक्स राहत का प्रभाव
कर्मचारियों पर प्रभाव
- अगर 12-15 लाख आय वाले कर्मचारियों को राहत मिलती है तो उनकी क्रय शक्ति बढ़ेगी।
- बचा हुआ पैसा वे बाजार में खर्च करेंगे, जिससे घरेलू मांग बढ़ेगी।
अर्थव्यवस्था पर प्रभाव
- टैक्स छूट से उपभोग बढ़ेगा, जिससे GDP ग्रोथ को समर्थन मिलेगा।
- सरकार के राजस्व पर मामूली असर पड़ेगा लेकिन लंबे समय में अर्थव्यवस्था को फायदा होगा।
5. GDP ग्रोथ पर चर्चा
- नीति आयोग की बैठक में यह बताया गया कि GDP ग्रोथ अनुमानित 6.5% से घटकर 5.4% पर आ गया है।
- RBI ने भी ग्रोथ रेट के अपने अनुमानों को 7.2% से घटाकर 6.6% कर दिया है।
- टैक्स राहत से घरेलू मांग में सुधार होने की उम्मीद है, जिससे GDP ग्रोथ को बल मिलेगा।
6. अंतर्राष्ट्रीय अनिश्चितता और भारतीय अर्थव्यवस्था
- वैश्विक स्तर पर आर्थिक अनिश्चितताओं के बावजूद भारत की अर्थव्यवस्था स्थिर है।
- विशेषज्ञों का मानना है कि टैक्स राहत जैसे कदम भारत की आर्थिक स्थिरता को बनाए रखने में मददगार हो सकते हैं।
7. न्यूज़ पेपरों में प्रकाशित रिपोर्ट्स
- टाइम्स ऑफ इंडिया: “गवर्नमेंट कंसीडर्स इनकम टैक्स रिलीफ फॉर दोज अर्निंग अप टू रु 15 लाख।”
- हिंदुस्तान टाइम्स: “इनकम टैक्स मे बी रिड्यूस्ड फॉर दोज अर्निंग अप टू रु 15 लाख दिस यूनियन बजट।”
- इन खबरों ने टैक्स राहत की संभावनाओं को बल दिया है।
8. संभावित घोषणा का समय
- यह राहत 1 फरवरी 2025 को पेश होने वाले केंद्रीय बजट में घोषित हो सकती है।
- अगर ऐसा होता है, तो यह लाखों कर्मचारियों के लिए एक बड़ी राहत होगी।
9. सरकार के पिछले कदम
- 2020 में न्यू टैक्स रेजीम लागू करना।
- कोरोना महामारी के दौरान आर्थिक पैकेज प्रदान करना।
- MSMEs और स्टार्टअप्स के लिए कर लाभ की शुरुआत करना।
10. निष्कर्ष
- 12-15 लाख आय वाले कर्मचारियों को टैक्स राहत देना एक सकारात्मक कदम होगा।
- इससे न केवल कर्मचारियों को वित्तीय लाभ मिलेगा, बल्कि भारतीय अर्थव्यवस्था को भी गति मिलेगी।
- इस प्रस्तावित निर्णय का उद्देश्य देश की आर्थिक स्थिरता और विकास को बनाए रखना है।
जय हिंद, जय भारत!
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