सरकार का सरकार से अनुरोध सैनिकों का हक ना छीनें– रक्षा मंत्रालय

सेना कर्मियों के बच्चों के लिए आरक्षण में बदलाव – नई अधिसूचना का विश्लेषण

जय हिंद दोस्तों! आज हम बात करेंगे सेना भवन द्वारा जारी एक महत्वपूर्ण पत्र के बारे में, जो कि 21 मई 2018 को जारी किया गया था। यह पत्र डिपार्टमेंट ऑफ एक्स-सर्विसमेन वेलफेयर, रक्षा मंत्रालय द्वारा सभी मुख्य सचिवों और प्रशासकों (राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों) को भेजा गया था।

इस पत्र में सेवारत सैन्यकर्मियों और उनके बच्चों को दिए जाने वाले आरक्षण में संशोधन से संबंधित जानकारी दी गई थी। हाल ही में इस विषय को फिर से उठाया गया है, और इस लेख में हम इसे विस्तार से समझेंगे।


1. पृष्ठभूमि – सेना भवन का पत्र (2018)

2018 में जारी इस पत्र में यह स्पष्ट किया गया था कि सर्विंग डिफेंस पर्सनल (सेवा में कार्यरत सैन्यकर्मी) और उनके बच्चों को शैक्षणिक संस्थानों में प्रवेश के दौरान कुछ विशेष प्राथमिकताएँ दी जाएंगी

प्राथमिकता में संशोधन:

पहले, युद्ध सेवा पदक श्रृंखला के तहत दिए गए पुरस्कारों वाले सैन्यकर्मियों को प्राथमिकता “F” में रखा गया था, लेकिन अब इनको इस सूची से हटा दिया गया है।


2. नई प्राथमिकता सूची (2025 के पत्र के अनुसार)

अब, शैक्षणिक संस्थानों में प्रवेश के लिए प्राथमिकता इस प्रकार होगी:

(A) उच्च प्राथमिकता वाले वर्ग

  1. प्राथमिकता 1: उन सैनिकों की विधवाएँ और बच्चे, जो युद्ध या ऑपरेशन में शहीद हुए
  2. प्राथमिकता 2: युद्ध में गंभीर रूप से घायल हुए और सेवा से बाहर हुए सैनिकों के बच्चे
  3. प्राथमिकता 3: उन सैनिकों की विधवाएँ और बच्चे, जिनकी मृत्यु सैन्य सेवा से संबंधित किसी कारणवश हुई
  4. प्राथमिकता 4: उन सैनिकों के बच्चे, जो सैन्य सेवा के दौरान दिव्यांग हुए और बाहर किए गए

(B) मध्यम प्राथमिकता वाले वर्ग

  1. प्राथमिकता 5:गैलेंट्री अवार्ड प्राप्त करने वाले सैन्यकर्मियों के बच्चे, जिनमें निम्नलिखित पुरस्कार शामिल हैं:
    • परमवीर चक्र
    • अशोक चक्र
    • महावीर चक्र
    • कीर्ति चक्र
    • वीर चक्र
    • शौर्य चक्र
    • सेना, नौसेना, वायुसेना मेडल
    • मेंशन इन डिस्पैच
  2. प्राथमिकता 6: पूर्व सैनिकों (Ex-Servicemen) के बच्चे
  3. प्राथमिकता 7: युद्ध में घायल हुए सैनिकों की पत्नियाँ
  4. प्राथमिकता 8: सेवारत सैनिकों के बच्चे

हटाए गए पदक:

पहले, युद्ध सेवा पदक धारकों को भी प्राथमिकता “F” में रखा जाता था, लेकिन अब उन्हें प्राथमिकता सूची से हटा दिया गया है


3. दिल्ली सरकार द्वारा पैरामिलिट्री बलों के लिए आरक्षण का मामला

हाल ही में, दिल्ली सरकार ने पैरामिलिट्री बलों के बच्चों को भी आरक्षण में शामिल कर दिया, जो कि रक्षा मंत्रालय की नीति के खिलाफ है। इसके विरोध में, रक्षा मंत्रालय ने 25 फरवरी 2025 को एक पत्र जारी किया, जिसमें स्पष्ट किया गया कि:

  • यदि दिल्ली सरकार पैरामिलिट्री बलों के बच्चों को आरक्षण देना चाहती है, तो वह अलग से आरक्षण प्रदान करे।
  • सशस्त्र बलों (डिफेंस फोर्सेज) के लिए निर्धारित कोटे को पैरामिलिट्री के लिए न बदला जाए।
  • इस निर्णय पर क्या कार्रवाई की गई है, इसकी रिपोर्ट रक्षा मंत्रालय को भेजी जाए।

4. सेना कर्मियों के बच्चों के लिए आरक्षण का महत्व

यह आरक्षण उन सैनिकों के परिवारों के लिए सम्मान और सुरक्षा का प्रतीक है, जिन्होंने अपने जीवन और करियर को देश सेवा में समर्पित किया

आरक्षण किन कोर्सों में मिलता है?

  • मेडिकल और नॉन-मेडिकल कोर्स
  • प्रोफेशनल डिग्री कोर्स (इंजीनियरिंग, लॉ, मैनेजमेंट, आदि)

5. निष्कर्ष

  1. युद्ध सेवा पदक धारकों की प्राथमिकता सूची से हटाने का निर्णय लिया गया है।
  2. दिल्ली सरकार द्वारा पैरामिलिट्री बलों को डिफेंस कोटे से आरक्षण देने पर आपत्ति जताई गई है।
  3. रक्षा मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि सशस्त्र बलों के लिए अलग से आरक्षण जारी रहेगा।

Hi im Rajani Singh. Helping veterans and ex-servicemen is a noble and impactful cause. These individuals have dedicated a significant portion of their lives to serving their country, often facing immense physical and emotional challenges. Supporting them as they transition back into civilian life can involve offering job opportunities, mental health care, housing, and community support. Many veterans struggle with post-traumatic stress disorder (PTSD) or physical disabilities, and ensuring they have access to quality healthcare and rehabilitation services is crucial. Educational programs and skill development initiatives can also help them reintegrate into the workforce. Moreover, creating a supportive and understanding community helps veterans regain a sense of belonging and purpose. By advocating for their needs, we honor their service and sacrifices, ensuring they receive the care and respect they deserve.

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