खाने-पीने की चीजों की महंगाई और अक्टूबर 2023 में रिटेल महंगाई का प्रभाव
1. महंगाई दर का नया रिकॉर्ड
अक्टूबर 2023 में रिटेल महंगाई दर (Retail Inflation) 6.21% तक बढ़ गई, जो पिछले 14 महीनों का सबसे ऊंचा स्तर है। इस वृद्धि का मुख्य कारण खाद्य वस्तुओं की कीमतों में तेजी है। कंज्यूमर फूड प्राइस इंडेक्स (CFPI) 10.87% तक पहुंच गया, जो खुदरा महंगाई दर में सबसे बड़ा योगदान है।
2. खाद्य वस्तुओं की कीमतों में वृद्धि
खाने-पीने की वस्तुओं में सितंबर की तुलना में अक्टूबर में 9.24% की बढ़ोतरी देखी गई।
- टमाटर और प्याज जैसी सब्जियां: टमाटर की कीमतें ₹200/किलो तक और प्याज की कीमतें सामान्य से कई गुना अधिक हो गईं।
- अनाज और अन्य खाद्य सामग्री: इनकी कीमतों में भी उल्लेखनीय उछाल देखने को मिला।
3. महंगाई बढ़ने के पीछे के कारण
महंगाई दर में इस उछाल के पीछे कई कारण जिम्मेदार हैं:
- खाद्य वस्तुओं का घटा हुआ वेटेज:
- महंगाई दर के आकलन में खाद्य वस्तुओं का वेटेज 46.2% से घटाकर 39% कर दिया गया।
- हेल्थ, एजुकेशन और रेंटल पर बढ़ा फोकस:
- स्वास्थ्य, शिक्षा और अन्य गैर-खाद्य वस्तुओं का वेटेज 23.6% से बढ़ाकर 33.1% कर दिया गया।
- उपभोक्ता खर्च में बदलाव:
- मकान किराया और कपड़ों पर खर्च का वेटेज 15.2% से बढ़ाकर 17% कर दिया गया।
4. महंगाई का पेंशनभोगियों पर असर
महंगाई दर बढ़ने का असर पेंशनभोगियों के महंगाई भत्ते (Dearness Allowance) पर भी पड़ा है:
- महंगाई भत्ते में वृद्धि:
- जनवरी 2025 से डीए में वृद्धि की संभावना है। वर्तमान में डीए 53% है, और 3% की अतिरिक्त वृद्धि लंबित है।
- पेंशनभोगियों को एरियर का इंतजार:
- सर्विंग कर्मियों को डीए वृद्धि के साथ भुगतान हो चुका है, लेकिन पेंशनभोगियों को अक्टूबर 2023 तक का 3 महीने का एरियर नहीं मिला।
- स्पर्श (SPARSH) पोर्टल की समस्या:
- पेंशनरों का भुगतान समय पर नहीं हो रहा। उनका डीए और एरियर अब चार महीने के विलंब के साथ भुगतान किया जाएगा।
5. कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के वेतन पर महंगाई का प्रभाव
- सर्विंग कर्मियों की आय:
- उदाहरण:
- बेसिक पे: ₹56,900
- एमएसपी: ₹5,200
- टीपीटीएल: ₹3,600
- डीए (53%): ₹34,482
- 3% डीए वृद्धि से प्रति माह ₹1,971 की अतिरिक्त आय होगी।
- पेंशनभोगियों का एरियर:
- 3 महीने का एरियर: ₹5,913
6. पेंशनभोगियों की समस्याएं
- डीए वृद्धि का लाभ समय पर नहीं मिल रहा।
- एरियर का भुगतान लंबित है।
- स्पर्श पोर्टल से जुड़ी दिक्कतें:
- पहले पेंशन और डीए का भुगतान समय पर होता था, लेकिन अब विलंब हो रहा है।
7. भविष्य की स्थिति और समाधान
- डीए में संभावित वृद्धि:
- यदि महंगाई इसी गति से बढ़ती रही, तो जनवरी 2025 में डीए में 4-5% की वृद्धि हो सकती है।
- सरकारी हस्तक्षेप की आवश्यकता:
- खाद्य वस्तुओं की कीमतों को नियंत्रित करने के लिए सरकारी नीतियों का क्रियान्वयन।
- पेंशनभोगियों को समय पर भुगतान सुनिश्चित करना।
8. उपभोक्ता पर महंगाई का प्रभाव
- आम आदमी की जेब पर बोझ:
- खाद्य सामग्री की बढ़ती कीमतों ने घरेलू बजट पर गहरा असर डाला है।
- खर्च में कटौती:
- लोग अनावश्यक खर्चों में कटौती कर रहे हैं।
9. विशेषज्ञों की राय
- बाजार स्थिरता:
- विशेषज्ञों का मानना है कि महंगाई को नियंत्रित करने के लिए आपूर्ति श्रृंखला में सुधार और आयात शुल्क में कमी जैसे उपाय आवश्यक हैं।
- महंगाई का लंबा प्रभाव:
- यदि यह स्थिति बनी रहती है, तो यह देश की आर्थिक स्थिरता के लिए गंभीर चुनौती बन सकती है।
निष्कर्ष
खाने-पीने की चीजों की बढ़ती कीमतें और अक्टूबर 2023 में रिकॉर्ड उच्च महंगाई दर ने न केवल उपभोक्ताओं बल्कि पेंशनभोगियों और कर्मचारियों पर भी प्रभाव डाला है। सरकार और संबंधित विभागों को इन मुद्दों का समाधान करना होगा, ताकि आम आदमी को राहत मिल सके।
जय हिंद! जय भारत!