भारतीय सेना पेंशन विवाद: OROP 3 में बढ़ी राशि, खाते में क्रेडिट क्यों नहीं हो रही?
वन रैंक, वन पेंशन (OROP) योजना के अंतर्गत सैनिकों और पूर्व सैनिकों को पेंशन में समानता प्रदान करने का वादा किया गया है। हाल ही में OROP 3 टेबल में पेंशन राशि बढ़ाने की घोषणा हुई है, लेकिन कई सैनिकों के खातों में यह बढ़ी हुई राशि दिखाई नहीं दे रही। इस लेख में, हम इस विवाद के कारणों, पेंशन प्रणाली के प्रावधानों, और सैनिकों के सामने आ रही चुनौतियों पर विस्तार से चर्चा करेंगे।
OROP योजना का परिचय
- योजना का उद्देश्य: OROP योजना का मुख्य उद्देश्य भारतीय सेना, नौसेना, और वायुसेना के सेवानिवृत्त सैनिकों को समान पेंशन देने का था। समान रैंक और समान सेवा अवधि पर आधारित यह योजना एक नई प्रणाली है, जो सैनिकों के लिए न्याय और आर्थिक स्थिरता प्रदान करने का दावा करती है।
- प्रारंभ: यह योजना पहली बार 2015 में लागू की गई थी और इसे हर 5 साल में पुनरीक्षित करने का प्रावधान रखा गया।
OROP 3 में पेंशन बढ़ने का मामला
हाल ही में, OROP 3 के तहत कई पेंशनधारकों की पेंशन में वृद्धि की गई। सरकार द्वारा जारी नई टेबल के अनुसार कुछ पदों पर बड़ी मात्रा में पेंशन वृद्धि हुई। इसके बावजूद, पेंशनभोगियों के खाते में यह वृद्धि राशि अब तक नहीं पहुंच पाई है, जिससे पेंशनधारकों में चिंता और असंतोष व्याप्त है।
- राशि बढ़ाने के बाद भी देरी का कारण:
- तकनीकी समस्याएं: कई बार, तकनीकी समस्याओं के कारण पेंशन राशि का अपडेट होने में देरी हो जाती है।
- प्रशासनिक प्रक्रियाएं: पेंशन निर्धारण और भुगतान में कई विभागों के बीच समन्वय की आवश्यकता होती है।
- स्पष्टता की कमी: इस प्रक्रिया को लेकर पेंशनधारकों में सूचना का अभाव है, जिससे उनके मन में शंकाएं उत्पन्न होती हैं।
पेंशन प्रणाली के महत्वपूर्ण प्रावधान
OROP योजना के अंतर्गत, पेंशन का निर्धारण विभिन्न कारकों पर आधारित होता है। निम्नलिखित बिंदुओं में इसे समझाया गया है:
- रैंक और सेवा अवधि: समान रैंक पर समान सेवा अवधि वाले सभी सैनिकों को समान पेंशन दी जाती है।
- नियमित रूप से पुनरीक्षण: हर पांच साल में पेंशन की पुनरीक्षण प्रक्रिया की जाती है ताकि महंगाई के प्रभाव को संतुलित किया जा सके।
- पेंशन निर्धारण प्रक्रिया: पेंशन का निर्धारण पे मैट्रिक्स, बेसिक पे और एमएसपी (मिलिट्री सर्विस पे) के आधार पर किया जाता है।
पेंशन बढ़ोतरी के बावजूद खाते में राशि का न आना: एक केस स्टडी
OROP 3 के अंतर्गत, कई सैनिकों की पेंशन में वृद्धि की गई, लेकिन उनके खातों में यह राशि अब तक नहीं दिखाई दे रही है। उदाहरण के तौर पर:
- केस अध्ययन: एक ऑनरी लेफ्टिनेंट साहब, जो कि 30 वर्ष की सेवा के बाद रिटायर हुए, उनकी पेंशन टेबल के अनुसार 41200 बननी चाहिए थी। परंतु, उनके खाते में केवल 36600 क्रेडिट हो रही है।
- शिकायत प्रक्रिया: उन्होंने इस समस्या के समाधान हेतु ग्रीवेंस पोर्टल पर शिकायत दर्ज करवाई, जिसके बाद उन्हें जवाब मिला कि उनकी पेंशन सही तरीके से तय की गई है और इसमें कोई गलती नहीं है।
सैनिकों को आने वाली चुनौतियाँ
- समय पर पेंशन न मिलना: पेंशन में देरी होने पर सैनिकों की दैनिक जीवनशैली पर असर पड़ता है।
- सूचना का अभाव: कई सैनिकों को उनकी पेंशन से जुड़े नियमों की जानकारी नहीं होती।
- कानूनी सहायता: पेंशन निर्धारण से जुड़े मसलों के समाधान हेतु सैनिकों को कानूनी प्रक्रिया का सहारा लेना पड़ता है, जो समय और धन दोनों की मांग करती है।
प्रमुख पेंशन टेबल्स और उनके बदलाव
OROP 3 के तहत नए टेबल्स जारी किए गए हैं, जिनके अनुसार प्रत्येक पद और सेवा अवधि के हिसाब से पेंशन निर्धारित होती है।
- उदाहरण: एक ऑनरी कैप्टन की पेंशन अब 43000 निर्धारित की गई है। परंतु, कई सैनिकों को यह वृद्धि प्राप्त नहीं हुई है, जिससे प्रश्न उठता है कि टेबल में वृद्धि के बावजूद यह राशि क्रेडिट क्यों नहीं हो रही।
समाधान के संभावित उपाय
- क्लियर कम्युनिकेशन: गवर्नमेंट को पेंशन वृद्धि की स्थिति पर स्पष्टता से जानकारी प्रदान करनी चाहिए।
- ग्रीवेंस पोर्टल को सुधारना: शिकायत दर्ज करवाने की प्रक्रिया को सरल बनाया जाना चाहिए।
- बैंकों और पेंशन डिस्पर्सिंग एजेंसी के बीच तालमेल: बैंकों को निर्देश दिया जाना चाहिए कि वे पेंशन राशि का सही समय पर और सही तरीके से भुगतान करें।
- जागरूकता अभियान: पेंशनधारकों को पेंशन प्रणाली, नियमों और शिकायत प्रक्रिया के बारे में जागरूक किया जाना चाहिए।
सैनिकों की प्रतिक्रिया
OROP 3 पेंशन वृद्धि को लेकर सैनिकों में मिश्रित प्रतिक्रियाएं देखने को मिल रही हैं:
- सकारात्मक प्रतिक्रिया: कुछ सैनिकों ने पेंशन वृद्धि की सराहना की है।
- नकारात्मक प्रतिक्रिया: वहीं, कई सैनिकों ने इसे अपर्याप्त बताते हुए असंतोष जताया है क्योंकि खाते में वृद्धि का प्रभाव नहीं दिखाई दे रहा है।
न्यायपालिका और पेंशन प्रणाली
OROP विवाद पर कई पेंशनधारकों ने न्यायपालिका का दरवाजा खटखटाया है। अदालतें समय-समय पर पेंशनधारकों के पक्ष में निर्णय देती आई हैं, और उनके आदेश के चलते सरकार को OROP योजना में सुधार करना पड़ा है।
निष्कर्ष
OROP योजना का उद्देश्य सैनिकों को सम्मान और आर्थिक स्थिरता प्रदान करना है। हालांकि, पेंशन निर्धारण और वितरण प्रणाली में आई तकनीकी और प्रशासनिक खामियों के चलते कई सैनिकों को समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।
आशा की जाती है कि सरकार इन मुद्दों का जल्द समाधान निकालेगी और पेंशनधारकों के खाते में वृद्धि राशि समय पर पहुँचाई जाएगी। सैनिकों को न्याय और पारदर्शिता मिले, यही OROP का असल उद्देश्य है।
जय हिंद, जय भारत